Sunnati Shaadi Ka Waqia
www.islamicblog.in तीन साल पहले की बात है हमें किसी ने बताया कि: “एक बच्ची है दीनदार है पर्दा करती है आई ब्रो नहीं बनवाती ना तस्वीर खिंचवाती है पढ़ी लिखी है और माशा अल्लाह खूबसूरत भी है-” हम अपने बेटे के लिए ऐसी ही लड़की चाहते थे-एक दिन हम दोनों मियां बीवी गए- हमें लोग और लड़की पसंद आ गई- हमने बगैर किसी तकल्लुफात के उनसे रिश्ता मांग लिया- उन्होंने थोड़ा वक़्त मांगा और हमारे घर आए और हमारे घर पे इक़रार भी कर लिया- ना हमने उनके घर के बार बार चक्कर लगाए कि अब बहन जाएगी अब फलां भी देखेगा..ना नाश्ते ना खाने… एक सादा तक़रीब की और निकाह कर दिया मंगनी की…ना बात पक्की की…बस सादगी से निकाह कर दिया- उनसे अल्लाह के भरोसे पे वादा कर लिया कि: “इन शा अल्लाह तीन साल बाद रुख्सती करवा लेंगे-” इस सारे अरसे में सिवाय ईद बक़र ईद पे जाने के हम ने उन्हें कोई ज़हमत ना दी- फिर उनसे कहा कि: “हम बारात नहीं करना चाहते ना किसी क़िस्म का कोई सामान यानी जहेज़ के नाम पे एक तकिया भी नहीं लेंगे-” वो बहुत ही माक़ूल लोग हैं बच्ची भी माशा अल्लाह तआवुन करती रही अल्लाह पाक का शुक्र है कि उन्होंने हमारी हर बात मान ली- रुख्सत